नई दिल्ली, 20 सितंबर। भारतीय सिनेमा में कुछ नाम ऐसे हैं जो अपनी पहचान को मजबूती से दर्शाते हैं। करीना कपूर, जो 21 सितंबर 1980 को जन्मी, ने न केवल अपने दादा राज कपूर की विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि अपनी एक अलग पहचान भी बनाई। 'बेबो' के नाम से जानी जाने वाली करीना का फिल्म उद्योग में प्रवेश एक साधारण स्टार किड के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे कलाकार के रूप में हुआ जो अपनी शर्तों पर काम करने के लिए तैयार थी।
उनके माता-पिता, रणधीर कपूर और बबीता, दोनों अपने समय के मशहूर कलाकार रहे हैं, जिसने उन्हें कला की दुनिया में स्वाभाविक रूप से प्रवेश दिलाया।
करीना का फिल्मी करियर 2000 में जेपी दत्ता की युद्ध-आधारित फिल्म 'रिफ्यूजी' से शुरू हुआ। इस फिल्म में उन्होंने अभिषेक बच्चन के साथ अभिनय किया, हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही। उनके पहले इंटरव्यू से ही यह स्पष्ट था कि वह अपने करियर के प्रति आत्मविश्वास से भरी थीं।
उनकी प्रतिभा को मान्यता देते हुए उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री' का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला, जो यह दर्शाता है कि उनका आगमन केवल एक स्टार किड के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रतिभाशाली कलाकार के रूप में हुआ था।
दिलचस्प बात यह है कि 'रिफ्यूजी' को चुनने के लिए उन्होंने उस वर्ष की सबसे बड़ी हिट 'कहो ना प्यार है' को ठुकरा दिया। वह हमेशा ऐसी भूमिकाओं की तलाश में रहीं जो उनके अभिनय कौशल को चुनौती दें।
करीना के करियर की शुरुआत में दो किरदार ऐसे थे जिन्होंने उनकी पहचान को गहरा प्रभाव दिया। पहला किरदार करण जौहर की फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' में 'पू' का था, जो अपनी फैशन-फॉरवर्ड शैली के लिए जानी जाती है। यह किरदार आज भी जेन-जी के बीच लोकप्रिय है और मीम संस्कृति का हिस्सा बन चुका है।
हालांकि, इस किरदार ने उन्हें एक विशेष छवि में बांध दिया। करीना ने स्वीकार किया कि इस स्टीरियोटाइप को तोड़ने में उन्हें लगभग एक दशक लगा। उन्होंने अपने करियर के मध्य में कुछ साहसी और गैर-ग्लैमरस भूमिकाएं चुनीं।
2004 में, उन्होंने फिल्म 'चमेली' में एक वेश्या का किरदार निभाया, जो उनकी स्थापित छवि के विपरीत था। इस फिल्म ने उन्हें समीक्षकों से सराहना दिलाई और उन्हें एक गंभीर अदाकारा के रूप में स्थापित किया।
इसके बाद, विशाल भारद्वाज की 'ओंकारा' में 'डॉली मिश्रा' का किरदार निभाना उनके लिए एक और मील का पत्थर साबित हुआ।
उनकी यात्रा का शिखर 'जब वी मेट' में 'गीत ढिल्लों' के किरदार के साथ आया, जो एक बड़ी व्यावसायिक सफलता थी। यह किरदार उनके ग्लैमर और अभिनय क्षमता का सही मिश्रण था।
इस भूमिका के लिए उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री' का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला, जिसने उनकी प्रतिभा को फिर से स्थापित किया।
करीना ने कई सफल फिल्मों में काम किया है, जिनमें 'बजरंगी भाईजान', '3 इडियट्स', और 'गुड न्यूज' शामिल हैं।
अभिनय के अलावा, करीना कपूर खान ने खुद को एक शक्तिशाली ब्रांड के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने कई बड़े ब्रांड्स का चेहरा बनने के साथ-साथ अपनी गर्भावस्था पर एक किताब भी लिखी है।
हाल ही में, उन्होंने थ्रिलर शैली में कदम रखा है, जिसमें 'जाने जां' और 'द बकिंघम मर्डर्स' जैसी फिल्में शामिल हैं।
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